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चन्दा मामा ( बाल गीत )

आज दिनांक १८.२.२४ को प्रदत्त विषय, ' चन्दा मामा बालगीत ) पर प्रतियोगिता वास्ते मेरी प्रस्तुति

चन्दा मामा ( बाल गीत )

अम्मा मुझे वायुयान मंगा दे, चन्दा के घर जाऊंगा,
रात-रात भर चले अकेला,मैं साथी बन जाऊंगा ।

कम्बल है,न कोई रजाई रातों घूमा करता है,
आवारा सा घूमा करता,न पल भर घर मे टिकता है।

कान पकड़ कर मैं उसको घर मे रहना सिखलाऊंगा,
अम्मा मुझे वायुयान मंगा दे,चन्दा के घर जाऊंगा ।

कुर्ता और पायजामा भी मैं उसको दे आऊंगा,
कम्बल दे कर  अम्मा उसकी सर्दी दूर भगाऊंगा ।

रोशनी जो वो देता रात मे,चाॉंदनी प्यारी लगती है,

चाॅंद को छूने उठती लहरें,मस्त हिलोरें लेती है ।

चाॅंदनी रात मे तुमने अम्मा दरिया मे सैर करायी थी,
एक गांव से दूजे गांव तक मांझी ने नाव बढ़ायी थी ।

पूरा चाॉंद होता है जिस दिन पूरनमासी कहते हैं,
शरद ऋतु की पूरनमासी,शरद पूर्णिमा कहते हैं।

अम्मा खीर बनाती उस दिन चाॅंद की रोशनी मे रखती,
भोग लगा कर प्रथम ईश का तब हम सबको है देती ।

आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़

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5 Comments

Gunjan Kamal

20-Feb-2024 02:36 PM

👏🏻👌🏻

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Mohammed urooj khan

19-Feb-2024 11:48 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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बहुत ही सुंदर सृजन

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